महामारी के दौरान एकांतवास से मिले सबक और अपनी किशोरावस्था की डायरी से सीख लेते हुए 95 वर्षीय डॉ. रूथ वेस्टहाइमर ने फैसला किया कि उन्हें न्यूयॉर्क की अकेलेपन की राजदूत बनना चाहिए। और वह बन भी गईं।
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महामारी के दौरान एकांतवास से मिले सबक और अपनी किशोरावस्था की डायरी से सीख लेते हुए 95 वर्षीय डॉ. रूथ वेस्टहाइमर ने फैसला किया कि उन्हें न्यूयॉर्क की अकेलेपन की राजदूत बनना चाहिए। और वह बन भी गईं।
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